ज्यों लेना था वहीं लिया।
ज्यों देना था वहीं दिया।
मानते हैं कि ईश्वर देने वाला हैं।
जानते हैं कि उसकी शक्ति और भक्ति से सबका उज्ज्वल ही होने वाला हैं।
दिलदार बनो, सहज व्यवहार करो।
सोचो अपना भी औरों का भी विचार करो।
विजय अपना भी चाहो औरों के विजय में भी आनंद मिलाओ।
सभी को अपना बनाओ, हर क्षण खुशी से बिताओ।
इस नई सोच के संग दशहरे की हार्दिक शुभेच्छा।
आपका स्नेही
संतोषकुमार
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